Thursday, September 6, 2012

Psalm One


धन्य है वह मनुष्य,
जो दुष्टों की सलाह नहीं मानता,
पापियों के मार्ग पर नहीं चलता
और अधर्मियों के साथ नहीं बैठता,
जो प्रभु का नियम ह्रदय से चाहता
और दिन-रात उसका मनन करता है !
वह उस वृक्ष के सदृश है,
जो जलस्रोत के पास लगाया गया,
जो समय पर फल देता है,
जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं.
वह मनुष्य जो भी करता है, सफल होता है.
दुष्ट जान ऐसे नहीं होते, नहीं होते;
वे पवन द्वारा छितरायी भूसी के सदृश हैं.
न्याय के दिन दुष्ट नहीं टिकेंगे,
पापियों को धर्मियों की सभा में
स्थान नहीं मिलेगा ;
क्योंकि प्रभु धर्मियों के मार्ग की रक्षा करता है,
किन्तु दुष्टों का मार्ग
विनाश की ओर ले जाता है.

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